राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग वाली मस्जिद पहुंचकर डा इमाम उमेर अहमद इलियासी सहित कई मुस्लिम धर्मगुरुओं और बुद्धिजीवियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मुस्लिम धर्मगुरु डा. उमेर अहमद इलियासी ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि बताया है। इलियासी ने कहा कि भागवत इमाम हाउस आए थे, उनका स्वागत किया गया। देश को सौहार्द के साथ तरक्की के रास्ते पर ले जाने को लेकर करीब एक घंटे बातचीत हुई।
सवाल जवाब
सवाल: RSS चीफ इमाम संगठन के दफ्तर आए। यह मस्जिद भी है। उनसे मुलाकात को किस तरह देखते हैं?
इलियासी : ये बहुत अच्छी बात और खबर है। इस मुलाकात के बारे में सभी को अच्छा ही सोचना चाहिए। ये देश के लिए अच्छा पैगाम है। इमाम हाउस में मोहन भागवत का आना, हम सबके लिए सौभाग्य और खुशी की बात है। मैं उनका शुक्रगुजार हूं कि मेरे निमंत्रण पर वे यहां आए। मोहन भागवत आज हमारे राष्ट्रऋषि हैं। वे इस देश के राष्ट्रपिता हैं। राष्ट्रपिता का हमारे पास आना खुशी की बात है। मुझे लगता है कि यही मोहब्बत का पैगाम हमें सभी को देना चाहिए।
सवाल: रामनवमी से लेकर हिजाब के मुद्दे पर कई बार हिंदू-मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आए हैं। ऐसे में RSS चीफ का आपसे मिलना क्या मैसेज देता है?
इलियासी : हकीकत यही है कि आप अपना नजरिया बदलिए, नजारा बदल जाएगा। आपस में मिलकर मोहब्बत से रहें, यही हमारा पैगाम है। आज हमारा देश तेजी के साथ नई ऊंचाइयों पर जा रहा है। मोहन भागवत ने सभी को एक होकर चलने की बात कही है। ये इसी बात का संदेश है कि हम एक हैं और भारतीय हैं। इसी तरह से हमें अपने देश को आगे लेकर जाना चाहिए। हमारे देश की विशेषता है अनेकता में एकता।
सवाल: ज्ञानवापी मस्जिद वाले विवाद की शुरुआत हुई तब मोहन भागवत ने कहा था कि ‘हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों खोजना?’ इस पर आप क्या कहेंगे?
इलियासी : मोहन भागवत ने जो कहा, वह ठीक कहा। यही वह संदेश है, जिससे कि सब आपस में जुड़े रहें और मोहब्बत से रहें। जहां मोहब्बत होती है, वहां अच्छा माहौल बनता है। सभी को इसी तरह से मिलकर रहना चाहिए।
सवाल: एक वर्ग का मानना है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो रहा है। क्या आप भी यही मानते हैं?
इलियासी : मुझे लगता है कि हम सभी को प्यार-मोहब्बत से रहना चाहिए। कोरोना के बाद हमारा देश PM मोदी के नेतृत्व में ऊंचाई पर पहुंचा है। हम सभी को मिलकर उनका सहयोग करना चाहिए।